अहमद जमाल
rappercussivehigh-energy
[Verse 1] धुँआ ही धुँआ, जले सपनों का इंजन, फूलों के रंग में हैं जख्मों की पेंसिल, शीशे के महल में बने ये बंसल, गली की कविताएँ, बेज़ुबान कंकड़। [Verse 2] चिलम में चांदनी, मीठी नशा-ध्वनि, दिल के पंखों पे, उड़ान की बानी, शब्दों की तलवार, धार है कहानी, गलियों के किस्से, वो गूँज भी पुरानी। [Chorus] अहमद सा तूफान, दिलों में बहार, ग़ज़ल की गूँज, दरियाओं के पार, हिंद की माटी में, बीज की पुकार, रैप की नवाज़िश, रहेगा बारबार। [Verse 3] धागों की सूरत में, किस्सों का मकाँ, ख्वाबों की बुनाइयों में, राज़ की जुबाँ, शहर की हवाओं में, दर्द का बयां, नींद में भी गूंजे, औंधी कहरान। [Verse 4] चीज़ों का रिश्ता, रिश्तों का खेल, गजब की कहानी, किस्मत की रेल, टीवी की स्क्रीन में, टूटते ये शेल, गाने में बसी, वो दिल की मेल। [Chorus] अहमद सा तूफान, दिलों में बहार, ग़ज़ल की गूँज, दरियाओं के पार, हिंद की माटी में, बीज की पुकार, रैप की नवाज़िश, रहेगा बारबार।