
भोले की रे मेहर गणी
DevotionalHaryanvi-Hindiblendoverearthydholakandtumbi,mid-tempo.Malevocalswithrusticfolkchorus;versestaysintimatewithharmoniumandsubtlesarangifills,hookexplodeswithgroupshouts,claps,andbrightflutes.Call-and-responsebackingvocalslifttherefrain,endingonasoaringheldnoteandlongreverbtail.
[Verse 1] भोले की रे मेहर गणी किसे के पता कद बरस जावे एक नज़र पड़े जो सच्चे पे सारी रैखें किस्मत बदल जावे एक मौत है जो बन्दे पे हरदम मंडराती फिरती है तेरी शरण में बैठा भोले ये सांस भी तेरी लगती है [Chorus] भोले की रे मेहर गणी किसे के पता कद ज़िंदगी सवार दे एक मौत है जो बन्दे ने मार दे तू नाम रटवाके पार उतार दे भोले की रे मेहर गणी किसे के पता कद ज़िंदगी सवार दे [Verse 2] बाबा कुलदीप चित्रा की ज़िंदगी तू फिर से सँवार दे टूटे सपने सूखी आँखें इनमें अपना नूर उतार दे झिड़ी में जहाज़ उतार दे जो सब कहें असम्भव है बस एक बार इशारा कर दे कंटक राह भी आसान है [Chorus] [Bridge] तेरे दम से सुबह जवानी तेरे दम से ढलती शाम तेरे दम से हँसती रूहें तेरे दम से मिलता राम हाथ जोड़ के आज पुकारें सुन ले दिल की ये आवाज़ भोले कुलदीप चित्रा की तू ही है आखिरी आस [Chorus]
