गुज्जरां दा मुंडा - अहमद जमाल
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[Verse] गुज्जरां दा मुंडा, कोई ना समझे मामला, खून में रफ्तार, निकले जैसे रफू चक्कर, मोहल्ले के गोली, सड़कों पे उड़ता अजूबा, पुरानों की किताबों में, लिखा इसका मुकाबला। [Verse 2] चमचमाती सड़कों पे, रफ्तार का नशा, आँखों में जुनून, दिल में बस ये तमन्ना, काम पै दिली जंग, जान पे खेलना, किसी भी बड़ी आपदा, रोग है अकेला। [Chorus] अहमद जमाल, उड़ानें मारे लहराता, गुज्जरां दा मुंडा, सबको चौंकाता, राख से उड़कर, फिर से जागता, कहर मचाने आये, तूफान सा आता। [Bridge] औरों की तरह नहीं, खुद की एक लीला, धुएं में गुम होकर, चमके ये सवेरा, मुश्किलों के संग, रचता नया अफसाना, हर एक मोड़ पे, निकलता नया खतरा। [Verse 3] हलचल मचाने वाला, कोई ना रोक सका, पीछे मुड़ के ना देखे, बस आगे बढ़ चला, नाकामियों ने सिखाया, किस कदर चलना, अहमद का नाम, हर एक दिल पे चमका। [Chorus] अहमद जमाल, उड़ानें मारे लहराता, गुज्जरां दा मुंडा, सबको चौंकाता, राख से उड़कर, फिर से जागता, कहर मचाने आये, तूफान सा आता।