
Cgsong
Indianfolkfusion
कोरस (Same) छेर-छेरा छेर-छेरा, दान धरम के नेवता हे, दुआर-दुआर म गूँजत, सत के यह परब हे। छेर-छेरा छेर-छेरा, हाथ जोड़ के मांगन आय, दे दे दान महादानी, घर-घर सुख समाय। अंतरा 1 (नया) पूस के बिहान म कुहासा, माटी महक जाथे, छेर-छेरा के बोल सुने, मन खुशी ले नाचथे। एक मुठा अन्न दे दे, तैं काबर डर जाथस, आज जो बांटेस संगी, कल वही बन जाथस। अंतरा 2 (नया) कंधा म टोकरी धर के, टोली आगे आय, छोटे-बड़े सब संगवारी, एके सुर म गाय। न दाम पूछे न नाम, बस मन के पहिचान, छेर-छेरा सिखा देथे, सब झन एक समान। अंतरा 3 (नया) जेकर घर म दीया जलथे, ओखर फर्ज बनाय, अंधियारा म बइठे मनखे, ओला उजास दिखाय। छेर-छेरा के दिन म संगी, खोल दे दिल के द्वार, दान ले बढ़ जाथे माटी, घटथे दुख-भार। अंतिम कोरस (समूह) छेर-छेरा छेर-छेरा, दान धरम के नेवता हे, दुआर-दुआर म गूँजत, सत के यह परब हे।
