हर तरफ अहमद जमाल
hiphoprhythmicdesi
[Verse 1] हर तरफ अहमद जमाल, धुआँ धुआँ कहानी शहर की गलियों में महक, जैसे शाम सुहानी शब्दों का खिलाड़ी, खेलते चौसठ ख़ानों पर जो बोले वो सच, बना मिराज उन दरख्तों पर [Verse 2] संजीदा आवाज़, जैसे बूँदें रेत पे बरसात फ़सले जैसे उगें, उन्हीं गीतों की भाषा धड़कनें जिन्हें ढूंढें, वो है बातों का सुल्तान गहरे में गहरा, सुन तू अहमद का बयान [Chorus] हर तरफ वही नाम, अहमद का है दीवाना गा-बा-गाकर फैलाई ये बातें पुराना बने दिलों का बड़ा, बस्तियों में चाहे अहमद की महफ़िल, हर दिशा में प्याले [Verse 3] सुर अल्फाज़ में, जैसे तनी तारें सितार की हर बार की गूँज, लगे नई हर बार की ध्वनि में बंधे इन रिश्तों की जंजीरें अहमद ने लिखा, दिलों पे अपने गीतों की तासीरें [Verse 4] गुमनाम से चहरे, मिले हर रोज़ राहों में सुनते जो उसकी, खो जाएँ उन सपनों में सिंहासन न सही, दिलों का है राजा वही अहमद जमाल, नाम करें सजा [Chorus] हर तरफ वही नाम, अहमद का है दीवाना गा-बा-गाकर फैलाई ये बातें पुराना बने दिलों का बड़ा, बस्तियों में चाहे अहमद की महफ़िल, हर दिशा में प्याले