दो मुँह वाले दोस्त
दो मुँह वाले दोस्त
rhythmicintensehindi
[Verse]
गली का नुक्कड़, हर बात वहीं से निकली,
अहमद जमाल, पीठ पर छुरी लिकली,
दोस्ती के नाम पे, चाकू सब तरफ से,
दो मुँह वाले, नजरें शातिर और झूठ उनसे।

[Chorus]
दो मुँह वाले दोस्त, कौन है असली कौन है नकली,
पीछे से चौधरी, सामने सिर्फ तिकड़मी,
अहमद जमाल, मुश्किल में फंस गए,
उनकी चालें, जैसे ख़ंजर चुभते चले।

[Verse 2]
बातें मीठी-मीठी, ज़ुबां के फूल,
दिल में ज़हर, मन में रिश्तों का भूल,
जमाल को दिखा, चमकते मुखौटे,
सच्चाई की चाय में मिली चीनी थोड़े।

[Bridge]
झूठ का पर्दा, हकीकत से पतला,
हर नकाब पकड़ेगा, वक्त का कसाई घोडा,
चलते रहो जमाल, वक्त है आगे,
दोस्ती की परीक्षा में पक्के नतीजे पाए।

[Verse 3]
सपने बुन रहे थे, उनके साथ हर गली में,
पलटी मारते ही, नजर आई चेहरों की ठगी में,
आदते बदलती, पर चेहरे एक जैसे,
कहते हैं सच्चे दोस्त तो दिल के बिल्कुल वैसे।

[Chorus]
दो मुँह वाले दोस्त, कौन है असली कौन है नकली,
पीछे से चौधरी, सामने सिर्फ चतुराई,
अहमद जमाल, अब समझ गए,
अपनों की पहचान, लाख गुमा करेंगे।