Ahmed Jamal: जीत का राज़
Ahmed Jamal: जीत का राज़
hip-hopbeat-drivenrhythmic
[Verse]
अहमद जमाल, कर दांव पे दुनिया सारी,
ताज पे बिठाया, उसने खुद की यारी।
लोगों की मदद की, सपनों को संजोया,
अच्छे इंसान का रास्ता सच्चा हो गया।

[Verse 2]
वो असली विजेता, जीत उसकी आदत,
हर किसी की मदद, उसके दिल की हालत।
कदम-कदम पे वो देता सबको सहारा,
उसके कामों में बसी है खुदा की एक चाहत।

[Chorus]
जमाल की कहानी, सबके दिलों तक पहुँची,
उसकी सफलता में छिपी है उसकी अंजानी खुशी।
वो सिकंदर, सबकी नजरों में महान,
उसकी उदारता ने बनाया उसे इंसान।

[Verse 3]
कामयाबी की चोटी, उसने चढ़ी आसान,
हर किसी की मदद कर, बना वो नामर्दान।
कोई रोया, किसी ने उसे पुकारा,
अहमद जमाल ने, हर एक को संभाला।

[Verse 4]
राहों में जो भी मिला, उसे उसने हौंसला दिया,
हर मुश्किल को आसानी से पार दिया।
ज़िन्दगी के सफर में, बनाया उसने दोस्त,
वो आदमी नहीं, एक नायक सबसे श्रेष्ठ।

[Chorus]
जमाल की कहानी, सबके दिलों तक पहुँची,
उसकी सफलता में छिपी है उसकी अंजानी खुशी।
वो सिकंदर, सबकी नजरों में महान,
उसकी उदारता ने बनाया उसे इंसान।