अहमद जमाल - बैकबाइटिंग फ्रेंड्स
अहमद जमाल - बैकबाइटिंग फ्रेंड्स
hiphopfast-paced
[Verse]
अहमद जमाल, किसका है तू यार,
दोस्ती के नाम पे, कर दिए वार,
पीठ पीछे बोलता, बातें हर बार,
कहां से लाया इतना, झूठ और जहर?

[Verse 2]
दोस्ती का मुखौटा, चेहरा मासूम,
लेकिन अंदर से, पूरा कसमकसूम,
बातें उसूल, फिर भी रखता फासूम,
कौन समझेगा तेरा, ये खेल बदमाशूम?

[Chorus]
दोस्ती में खंजर, भाई ये क्या हाल है?
सच्चे दोस्त कहाँ, जब जालम तुम कंगाल है,
रिश्तों का कत्ल, और तुम खुशहाल है,
आखिर में कौन जीतेगा, ये सवाल है।

[Bridge]
यारी में छुपे, खंजर के निशान,
सजते है दोस्त, फिर करते नुकसान,
हर कदम पे दगा, कोई नहीं इंसान,
किसपे करें यकीन, जब दोस्त ये बेरहम मेहमान।

[Verse 3]
अहमद जमाल की कहानी, सबपे भारी,
चुपके से वार करता, धोखा है जारी,
दिल के अंदर जलन, बाहरी है प्यारी,
सेनानी नहीं, ये खेल साजिश का सारी।

[Chorus]
दोस्ती में खंजर, भाई ये क्या हाल है?
सच्चे दोस्त कहाँ, जब जालम तुम कंगाल है,
रिश्तों का कत्ल, और तुम खुशहाल है,
आखिर में कौन जीतेगा, ये सवाल है।