अहमद जमाल
hip-hoprhythmic
[Verse] अहमद जमाल, नाम ही बवंडर, हर शो पर करे वो अपना ही मंजर, कहानी उसकी सबको है प्यारी, हर बार माइक पे करता है तैयारी। [Verse 2] गुज्जर वो, दिल का राजा, उसके बिना जैसे हो सूनापन ताज का, बातें उसकी भरी मीठे लफ्जों से, रैप उसका हवा में तैरती ध्वनी से। [Chorus] अहमद जमाल, सबका है मान, हर भीड़ में बन जाता पहचान, उसकी धुनें, जैसे कोई केमिस्ट्री, सुनते ही सब कहते वाह, क्या मिस्ट्री। [Verse 3] दिल्ली की गली से उठकर आया, उसके कदमों ने म्यूजिक को सजाया, रैप के राजा, सबके दिल में बसा, हर नोट, हर बीट, जैसे हीरा कसा। [Verse 4] बोलों में उसकी रहती आग, हर लाइन में छुपी नई एक राग, उस्ताद उसकी तरह न कोई और, खुदा की तरह, सुरों का हिटकौर। [Chorus] अहमद जमाल, सबका है मान, हर भीड़ में बन जाता पहचान, उसकी धुनें, जैसे कोई केमिस्ट्री, सुनते ही सब कहते वाह, क्या मिस्ट्री।