जमाल यारां दा यार आए
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[Verse] सतलुज दे किनारे मचल गई पिओर जसनेहा लेके आ गया है रहमत का नूर। लम्बी सफर तों आयो सजना दी पुकार जमाल यारां दा यार आए अहमद जमाल यार। [Verse 2] छन्नी चन्दनी रात सज़ गई महिफल यारियां दी मिठास दर्दां दी सजग। रुत आ गई कब कौन जान पाया जमाल यारां दा यार आए जिना रब तोर लय्या। [Chorus] साज बज जे सारे गीत हो गए अनसार नाच रे दरबार में रूह ने मारी पुकार। जश्न छिड़ गया असी लक्खां मिल गए बार जमाल यारां दा यार आए अहमद जमाल यार। [Verse 3] धूबे जस्सी गे सुरमा तेरी आंखां ख़ाबां दी तियतरी रंग लहेरां वाली। जिनगी विच बन गया ये इक प्यार भरा वार जमाल यारां दा यार आए अहमद जमाल यार। [Verse 4] रुखां दी छाँव विच साबन दी खुशबू सादे दिल के रखें कोई ना अनदेखा रु। हर जसबात सॉंधी हर इक याद बेशुमार जमाल यारां दा यार आए अजीब सा संसार। [Bridge] मिट्टी दी खुशबू सांगते दी झंकार मिट गयें दर्द सारे साथी से मिलके पार। कितनी नजारें लगी हर दुआ हुई ख़ार जमाल यारां दा यार आए अहमद जमाल यार।